सागौर गांव में अवैध सट्टा और जहरीली शराब का आतंक, प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीण परेशान

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आज हम बात करेंगे एक गंभीर मुद्दे पर जो है
धार: सागौर गांव में अवैध सट्टा, जहरीली शराब और जातीय उत्पीड़न का कहर, प्रशासन की निष्क्रियता पर ग्रामीणों में आक्रोश

सागौर गांव में अपराधों का बोलबाला, पुलिस बनी मूकदर्शक
धार जिले के पीथमपुर तहसील के सागौर गांव में अवैध जहरीली शराब और सट्टा कारोबार ने ग्रामीणों को डर और गुस्से से भर दिया है। जातीय उत्पीड़न और धमकियों की घटनाओं ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। मजदूर प्रेम (42 वर्ष) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उसे लगातार जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई करने में विफल रही है।

वार्ड 23 में अवैध कारोबार चरम पर
प्रेम ने अपने आवेदन में बताया कि वार्ड नंबर 23, दशहरा मैदान में अवैध जहरीली शराब और सट्टा कारोबार खुलेआम चल रहा है। शराब के कारोबार में जितेन, राम पार्षद और सुभाष भील जैसे प्रभावशाली लोग शामिल हैं। वहीं, सट्टा कारोबार को सोनू भलाई और गोविंद पुत्र राधेश्याम जैसे लोग बढ़ावा दे रहे हैं। पुलिस की निष्क्रियता से इनके हौसले बुलंद हो रहे हैं।

जातिसूचक गालियां और धमकियां
प्रेम ने आरोप लगाया कि अवैध धंधों का विरोध करने पर उसे जातिसूचक गालियां दी गईं और उसे गांव से बाहर निकालने की धमकियां मिलीं। वह और उसका परिवार गंभीर खतरों का सामना कर रहे हैं।

प्रेम की सुरक्षा की गुहार
प्रेम ने प्रशासन और मीडिया के माध्यम से अपनी सुरक्षा की अपील की है। उनका कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो उनकी जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने ग्रामीणों से भी न्याय के लिए साथ देने की अपील की।

पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
ग्रामीणों ने पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है, जिससे पूरे गांव में भय का माहौल है।

क्या प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करेगा?
सागौर गांव के लोग अब भी न्याय की आस लगाए बैठे हैं। सवाल यह है कि क्या प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करेगा या यह मामला भी अनसुना रह जाएगा?

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