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पारिवारिक विवाद में बुजुर्ग की बेबसी, प्रशासन से न्याय की गुहार

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भोजपुर (बिहार):- एक वृद्ध नागरिक नागेंद्र नाथ पांडेय अपने ही परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए प्रशासन और समाज से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि उनकी पत्नी पुष्पा पांडेय, उनके पुत्र मनु पांडेय और शांतनु पांडेय, तथा साला अमरीश मिश्रा समेत अन्य परिजनों ने षड्यंत्रपूर्वक उनके हक को छीनने की कोशिश की है।

वंशावली पर विवाद और पेंशन प्रक्रिया में बाधा

नागेंद्र नाथ पांडेय, जो 31 जनवरी 2020 को सेवा निवृत्त हुए थे, का कहना है कि उनकी पेंशन प्रक्रिया वंशावली प्रमाण पत्र के अभाव में रुकी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अंचलाधिकारी, कोइलवर, द्वारा जानबूझकर उनके दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे हैं। उनका दावा है कि उनकी पत्नी और बेटे दबंगई कर वंशावली पर रोक लगवा रहे हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से असहाय हो गए हैं।

संपत्ति हड़पने का आरोप

नागेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि उनकी पत्नी ने उनकी लगभग 100 वर्षीय माँ को बहला-फुसलाकर वर्ष 1995 में पांच बीघा जमीन अपने नाम करवा ली थी। जब उन्होंने जमीन को अपने भाइयों में बांटने की बात की, तो घर में विवाद उत्पन्न हो गया।

शारीरिक प्रताड़ना और जबरन कैद का आरोप

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी और ससुराल पक्ष के लोग जबरदस्ती उन्हें प्रताड़ित करते रहे। यहां तक कि 2019 में उन्हें घर में कैद कर दिया गया और उनकी मानसिक एवं शारीरिक स्थिति बिगाड़ने की कोशिश की गई। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने उन्हें मुक्त कराया था।

हत्या की आशंका, प्रशासन से सुरक्षा की मांग

नागेंद्र नाथ पांडेय ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि उनकी हत्या होती है या कराई जाती है तो उसके लिए उनकी पत्नी पुष्पा पांडेय, उनके बेटे मनु पांडेय, शांतनु पांडेय और साला अमरीश मिश्रा जिम्मेदार होंगे। उन्होंने मांग की है कि मरणोपरांत उनकी सेवा निवृत्ति की राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा कर दी जाए और पुष्पा पांडेय को इससे वंचित रखा जाए।

प्रशासन से न्याय की अपील

यह मामला एक गंभीर पारिवारिक विवाद से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक वृद्ध नागरिक अपने ही परिवार से न्याय की गुहार लगा रहा है। प्रशासन को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेना चाहिए ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

 

क्या है पूरा मामला? 

मै नागेन्द्र नाथ पाण्डेय, पे० स्व० त्रिवेणी पाण्डेय, ग्राम पो० दौलतपुर, बाना कोइलवर, जिला-भोजपुर का निवासी हूँ। यद्यपि हमको तिन पुत्र क्रमशः 1. राहुल कुमार पाण्डेय, (सरकारी कर्मी) 2. मनु पाण्डेय (सरकारी कर्मी) 3. शान्तनु पाण्डेय एवं एक पुत्री प्रियंका पाण्डेय जो विवाहित है।

मैं बक्सर जिला से 31.01.20 को सेवा निवृत हुआ था। मुझसे पेंशन से संबंधित कागजात की मांग कि गई है हो आज तक मेरे द्वारा नहीं दिया गया। मेरी पत्नी पुष्पा पाण्डेय साल अमरेश मिश्रा पिता स्व० श्री कृष्ण मिश्रा, पुत्र मनु पाण्डेय एवं शान्तनु पाण्डेय एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा अपने प्रभाव पैसा एवं दबंगई करके परिवारिक सूचि नहीं बनने दे रहें हैं।

1. मेरा अंचल कोइलवर है वहाँ के सी.ओ. महोदया द्वारा लगभग दो माह से उक्त कागजात पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण वंशावली अप्राप्त है। अब उनके द्वारा बताया जा रहा है कि पत्नी वंशावली पर रोक लगा दी है। मैने नौकरी की इसके चलते मेरा पेंशन संबधीत अग्रतर कारवाई नहीं हो रही है। अंचलाधिकारी महोदया अपने पद का दुरूपयोग कर रही है। और इधर में रोग ग्रस्त के कारण मृत्यु के कगार पर पहुँच गया हूँ। मेरा दावा है कि वंशावली फॉर्म पर जो भी भरा गया है वो सत्य है। पत्नी को अपने खओरिस के न्यायालय जाना चाहिए, जबकि सी.ओ. स्वयं न्यायकर्ता बन गई हैं। उनको त्रुटि बताना चाहिए ।

2. मेरी पत्नी लालची प्रवृति की है साक्ष्य स्वरूप मेरी माँ जिसकी उस लगभग 100 वर्ष की भोला-भाली माँ से बहला फुसलाकर लगभग 5 विगहा जमीन दिनांक 20.05.95 को निबंधन कार्यालय आरा जाकर गुप्त रूप से अपने नाम करा ली है। वर्षों बाद पता चलने पर मैने उक्त जमीन अपने तिनो भाईयों में बाँट देने के लिए कहा तो घर में विवाद पैदा हो गया।

3. पत्नी द्वारा मेरे पदस्थापित जगह पर अपने भाईयों के साथ आकर रूपया छिनने नहीं देने पर बराबर मार पीट करती रही। अजीज होकर इस संबंध में जहानाबाद न्यायालय में परिवाद संख्या 548/16 दायन किया मगर स्यानन्तरण के पश्चात उचित पैरवी नहीं हो सकी। मैं जब गाँ पर जाता या तो पत्नी पुत्र एवं साला अमरीष मिश्रा एवं अन्य मिलकर मुझे एक एग्रीमेंट दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाने चाहें नहीं करने पर मेरे साथ मार-पीट एवं घर में बंद कर दिया जाता रहा लगभग एक माह तक मुझे घर में ताल लगाकर रखा गया साथ ही पेय पदार्थ में कुछ तरल पदार्थ मिलाकर नियमित मुझे दि जाने लगी मार-पी एवं उक्त तरल पदार्थ से धीरे-धीरे मेरा शारिरीक एवं मानसिक स्थिति बिगड़ती चली गयी। ग्रामिणों द्वारा जब इसकी सुचना पुलिस को दि गई तो पुलिस आकर मुझे मुक्त करायी। दिनांक 24.09.2019 से 26.09.2019 का याना दैनिकी अवलोकन से स्पष्ट हो जायेगी जो पदाधिकारी मुझे छुड़ाये उनको मो० – 9631812379 या जो लिखकर हमें दिये। उक्त घटना की पुनरावृति मेरा साथ होती रही।

4. दिनांक 01.06.2023 को जब अपने मुखिया के यहाँ पेंशन प्रपत्र पर हस्ताक्षर हेतु गया या तो मुखिय पति बल प्रयोग कर मुझे अपने घर पर बैठाये एवं दुरभाषिक सुचना दे कर परिवार वालों को बुला लिये मेरी पत्नी पुत्र शांतनु कुमार पाण्डेय ग्रामिण तेगा पाण्डेय एवं साला अमरीष पाण्डेय मारते पिटते एन-से पुरब सोन नदी के झाड़ी ले जाने लगे इतना ही में किसी द्वारा पुलिस को सूचना दी गई पेट्रॉलिंग ग आ गई वे लोग मुझे छोड़‌कर भाग गये। नहीं तो उस दिन मेरा अंतिम या। 5. मेरे द्वारा पुष्पा पाण्डेय के नाम बाजाज एलियांज में बीमा करायी थी बीस वर्ष के पश्चात लगभग 18 लाख रूपया उसे प्राप्त हुआ अपने ग्रामिण बाजार जमालपुर में जमीन लिया या बाद में आरा छपरा पुल बनने के पाश्चात उक्त जमीन सरकार द्वारा सड़क में अधिग्रहीत कर ली गई जिसका मुआवजा 10 लाख रूपया पुष्पा पाण्डे को मिली यहाँ तक कि मेरा दो-दो मोटरसाईकिल होन्डा साईन R25B7374 एवं नयी गाड़ी एक्टीभा परिवार वाले छिन लिये जिसे पुष्या पाण्डेय अपने भाईयों को दे दी। मेरे घर पर लगभग 16 विगहा जमीन है जिसका कर्ता-धर्ता पुष्पा पाण्डेय एवं आरा शहर का भी जमीन उसी के नाम से है। मुझे घर बेघर कर इधर-उधर भटकते फिरता हूँ एवं जिन्दगी इस अंतिम पड़ाव पर कोई पुछने वाला भी नहीं है।

मुझे आशा ही नहीं अपितु पुर्ण विश्वास के साथ सुचना दे रहा हूँ कि यदि मेरी हत्या होती है या हत्या करायी जायेगी वो पुष्पा पाण्डेय उनका भाई अमरीष मिश्रा पिता स्व० श्री कृष्ण मिश्रा मनु पाण्डेय शान्तनु पाण्डेय एवं अन्य के सहयोग से की जायेगी। मैने सोच विचार कर अपने होशो हवास में यह खबर प्रसारित करा रहा हूँ। ताकि इसे संज्ञान में लेकर जाँच करायी जाय। साथ ही मरणोपरांत मेरा सेवा निवृति लाभ से पुष्पा पाण्डेय को वंचित रखा जाय उक्त राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में दे दी जाय। पुष्पा पाण्डेय पेंशन एवं अन्य लाभ हेतु माननीय न्यायालय जाने को स्वतंत्र है।

अतः आग्रह है कि उपरोक्त बातों के अवलोनार्य मुख्य बिन्दुओं को आवश्क क्रियार्य प्रसारित करने की कृपा कि जाय।

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