वाराणसी। जंसा थाना क्षेत्र के दशरथपुर गांव में 4 जुलाई 2024 को जमीन विवाद के चलते गोविंद कुमार और उनके पिता पर विपक्षीगण द्वारा जानलेवा हमला किया गया। इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए उनके पिता की 7 जुलाई को उपचार के दौरान मौत हो गई।
गोविंद कुमार ने बताया कि त्रिभुवन, रामस्वरूप, राजधनी, शिवधनी, कीर्तन सहित अन्य आरोपियों ने मिलकर उनके जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें और उनके पिता को गालियां दी गईं और लाठी-डंडों से हमला कर दिया गया। हमले में उनके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। पहले उन्हें कबीरचौरा जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। हालत बिगड़ने पर उन्हें वर्धन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद पुलिस ने सु.अ.सं. 0134/2024 के तहत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया, लेकिन पीड़ित के अनुसार, पुलिस ने कार्रवाई में देरी की और अब भी मुख्य आरोपी फरार हैं। गोविंद कुमार ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने उनके घर में घुसकर तोड़फोड़ की, ₹1.20 लाख की नकदी लूट ली और जान से मारने की धमकी देकर चले गए।
गोविंद का कहना है कि आरोपियों का राजनीतिक संरक्षण है और वे खुलेआम धमकी दे रहे हैं। उन्होंने पुलिस आयुक्त वाराणसी से अपील की है कि उनके परिवार को सुरक्षा दी जाए और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्याय दिलाया जाए।
पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से पुलिस और सरकार से लगाई इंसाफ की गुहार
वाराणसी: जंसा थाना क्षेत्र के दशरथपुर गांव में जमीन विवाद को लेकर दबंगों ने गोविंद कुमार और उनके पिता पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में गंभीर रूप से घायल गोविंद के पिता की इलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और आरोपियों की गिरफ्तारी में लापरवाही बरती।
घटना 4 जुलाई 2024 की है, जब त्रिभुवन, रामस्वरूप, राजधनी, शिवधनी, कीर्तन और पूर्व जिला पंचायत सदस्य शिवलोचन उर्फ मन्नू सहित चार अज्ञात लोगों ने मिलकर गोविंद कुमार की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। जब पीड़ित ने विरोध किया तो आरोपियों ने उनके साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान गोविंद और उनके पिता को बुरी तरह पीटा गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए।
गोविंद के मुताबिक, घटना के बाद जब वे रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुंचे, तो पुलिस ने उनकी शिकायत नहीं सुनी और इलाज कराने की सलाह दी। गंभीर हालत में उनके पिता को कबीरचौरा जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। वहां बेड न होने के कारण उन्हें वर्धन अस्पताल भोजूबीर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने 6 घंटे बाद जवाब दे दिया। अस्पताल से निकलते ही 7 जुलाई 2024 को उनके पिता की मौत हो गई।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने दबाव में आकर 7 जुलाई 2024 को मुकदमा दर्ज किया, लेकिन अब तक सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। इस बीच, आरोपी खुलेआम धमकी दे रहे हैं कि वे “जिला पंचायत सदस्य मंजू पटेल के आदमी” हैं और पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
डरे-सहमे परिवार ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने मांग की है कि बचे हुए आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाए और उन्हें सुरक्षा दी जाए।






