नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा में फर्जी पहचान के सहारे रह रहे कुछ संदिग्धों को लेकर स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है। विक्रम सिंह कुशवाहा (पुत्र रघुनाथ सिंह) ने खुलासा किया है कि सलमान, समरुद्दीन और शाहरुख नामक तीन व्यक्ति अलग-अलग नामों का उपयोग कर यहां रह रहे हैं, और इनके पास कोई वैध पहचान पत्र नहीं है। विक्रम के अनुसार, ये लोग बिना किसी कानूनी दस्तावेजों के रह रहे हैं, जिससे वे समाज के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
किराए के मकान में रहकर किराया नहीं देते, मकान मालिक परेशान
विक्रम सिंह ने बताया कि ये संदिग्ध व्यक्ति अलग-अलग जगहों पर किराए के मकान में रहते हैं और कई बार किराया दिए बिना फरार हो जाते हैं। उन्होंने मकान मालिकों को झूठे दस्तावेज दिखाकर घर किराए पर लिया और जब किराया देने की बारी आई तो मकान खाली कर भाग गए।
संदिग्धों की गतिविधियां बनीं चिंता का विषय
जब विक्रम ने इन व्यक्तियों से उनकी असली पहचान और दस्तावेजों की मांग की तो उन्होंने आक्रामक रुख अपनाया और धमकीभरे लहजे में कहा – “तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, मैं एटा के जलेसर का रहने वाला हूं।” इससे यह स्पष्ट होता है कि ये लोग न सिर्फ फर्जी पहचान के साथ रह रहे हैं बल्कि किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
महिला भी संदिग्ध, दस्तावेज नहीं
सिर्फ यही नहीं, बल्कि इनके साथ रह रही महिला तुल्हा के पास भी कोई प्रमाण पत्र नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये लोग कौन हैं, कहां से आए हैं, और यहां किस मकसद से रह रहे हैं?
सुरक्षा को लेकर स्थानीय लोग चिंतित
नोएडा जैसे हाई-प्रोफाइल शहर में बिना किसी वैध दस्तावेजों के संदिग्धों का इस तरह रहना कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। कहीं ये किसी अपराधी गिरोह से तो नहीं जुड़े हैं? क्या ये किसी अवैध गतिविधि में संलिप्त हैं? ये तमाम सवाल स्थानीय लोगों को परेशान कर रहे हैं।
मीडिया के जरिए प्रशासन से गुहार
विक्रम सिंह ने मीडिया के माध्यम से प्रशासन से अपील की है कि इन संदिग्धों की पहचान कर तुरंत जांच की जाए और इन्हें पुलिस के हवाले किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर समय रहते इन पर कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में यह किसी बड़े अपराध को अंजाम दे सकते हैं।
क्या प्रशासन करेगा कड़ी कार्रवाई?
अब देखना यह होगा कि नोएडा पुलिस और प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या इन संदिग्धों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
क्या है पूरा मामला?
नोएडा में फर्जी पहचान बनाकर रह रहे संदिग्धों को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विक्रम सिंह कुशवाहा (पुत्र रघुनाथ सिंह) ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि सलमान, समरुद्दीन और शाहरुख नामक तीन व्यक्ति अलग-अलग नामों का उपयोग कर नोएडा में रह रहे हैं, और इनके पास कोई वैध पहचान पत्र नहीं है। विक्रम के अनुसार, ये लोग बिना किसी कानूनी दस्तावेजों के रह रहे हैं, जिससे वे समाज के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
किराए के मकान में रहकर किराया नहीं देते, मकान मालिकों को चूना
विक्रम सिंह ने बताया कि ये संदिग्ध व्यक्ति कई बार अलग-अलग मकान किराए पर लेते हैं और महीनों तक किराया नहीं देते। जब मकान मालिक किराए की मांग करता है तो ये बिना कोई भुगतान किए मकान छोड़कर भाग जाते हैं। ऐसे में कई मकान मालिक इनके झांसे में आ चुके हैं।
संदिग्धों का आक्रामक रवैया, धमकी देकर किया इनकार
जब विक्रम सिंह ने इन व्यक्तियों से उनकी असली पहचान और दस्तावेजों की मांग की तो वे आक्रामक हो गए और धमकी भरे लहजे में बोले – “तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते, मैं एटा के जलेसर का रहने वाला हूं।” इससे यह साफ होता है कि ये लोग न केवल फर्जी पहचान के साथ रह रहे हैं बल्कि किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
महिला भी संदिग्ध, पहचान पत्र नहीं
सिर्फ यही नहीं, इन संदिग्धों के साथ रहने वाली महिला तुल्हा के पास भी कोई प्रमाण पत्र नहीं है। सवाल उठता है कि अगर इनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, तो आखिर ये कौन हैं, कहां से आए हैं और किस मकसद से रह रहे हैं?
क्या ये किसी आपराधिक गिरोह से जुड़े हैं?
नोएडा जैसे हाई-प्रोफाइल शहर में बिना किसी वैध दस्तावेजों के संदिग्धों का इस तरह रहना सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक बड़ा खतरा बन सकता है।
क्या ये किसी अपराधी गिरोह से जुड़े हुए हैं?
क्या ये किसी अवैध गतिविधि में संलिप्त हैं?
क्या इनके पास कोई नकली दस्तावेज या फर्जी पहचान पत्र हैं?
ये तमाम सवाल स्थानीय लोगों को परेशान कर रहे हैं।
प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग
विक्रम सिंह ने मीडिया के माध्यम से प्रशासन से अपील की है कि इन संदिग्धों की पहचान कर तुरंत जांच की जाए और इन्हें पुलिस के हवाले किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर समय रहते इन पर कार्रवाई नहीं हुई तो भविष्य में यह किसी बड़े अपराध को अंजाम दे सकते हैं।
क्या प्रशासन करेगा ठोस कदम?
अब देखना यह होगा कि नोएडा पुलिस और प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या इन संदिग्धों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।