पटना। राजधानी के कंकड़बाग स्थित मेडिग्लोब सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं। बलिया निवासी छितेश्वर लाल श्रीवास्तव का कहना है कि उनकी पत्नी चंद्रावती श्रीवास्तव (57) को डॉक्टर अजय कुमार के कहने पर 21 जनवरी 2025 को वाराणसी से इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने भरोसा दिया था कि चार-पांच दिनों में मरीज स्वस्थ हो जाएगी, लेकिन 17 दिनों तक मरीज को बस झूठे दिलासे दिए गए, सही इलाज नहीं मिला और अंत में उसकी मौत हो गई!
परिजनों की गुहार, “हमारी आँखों के सामने अस्पताल ने ली हमारे अपनों की जान!”
परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने मरीज को IGIMS में भर्ती कराने की बात कही, तो अस्पताल ने इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूलने के बावजूद मरीज को छोड़ने से इनकार कर दिया। जबरन पैसों की मांग की गई, ब्लैंक चेक देने के बाद भी मरीज को रोका गया। अगर 11 बजे तक मरीज IGIMS पहुंच जाता, तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन अस्पताल की बेरहमी ने उसे तड़पाकर मार डाला!
अस्पताल की लापरवाही!
अस्पताल ने जो मेडिसिन चलाया है उसका कोई रिपोर्ट नहीं दिया है ना समरी मिला है सिर्फ जांच रिपोर्ट का मिला है और ना कभी डॉक्टर ब्रीफ करते हैं ना कभी कोई भी बातों को अच्छे से समझाते हैं कि हम क्या कर रहे हैं और पेशेंट में क्या सुधार है 12 फरवरी 2025 को को हम अपने लड़के को भेजें की जाकर के वहां से पेपर लाइए तो हॉस्पिटल वाले धमकाने लगे कि आज के बाद मेरे हॉस्पिटल पर चढ़ना मत नहीं तो बड़ी-बड़ी मार मारेंगे जहां भी जाना है प्रशासन के जाना है जो करना है कर लो मेरे पास कोई भी पेपर नहीं है जो भी करना है तुम कर सकते हो हमारा कोई कुछ नहीं कर सकता है बहुत धमकाया है वहां रिकॉर्डिंग भी हुआ है हॉस्पिटल वहां के सीसीटीवी कैमरे में , मैं तुम्हारा सारा रिपोर्ट जला दिया हूं मेरे पास कुछ भी नहीं है ।
परिवार ने बताया कि इलाज के नाम पर बहुत रुपये वसूल लिए गए, लेकिन मरीज की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। IGIMS से एंबुलेंस भी पहुंची, लेकिन अस्पताल ने मरीज को नहीं छोड़ा। जब परिजन अस्पताल के डॉक्टर से मिन्नतें करने गए, तो 12 बजे अचानक फोन आया कि मरीज की हालत बिगड़ गई है!
“मेडिग्लोब हॉस्पिटल सिर्फ पैसा कमाने की मशीन, मरीजों की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़!”
अब परिवार अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहा है। कंकड़बाग थाने में शिकायत दी गई है, लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या प्रशासन इन लापरवाह डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई करेगा? पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है।
“हम गरीब लोग हैं, न्याय कौन दिलाएगा?”
छितेश्वर लाल श्रीवास्तव का कहना है कि वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं, लेकिन इंसाफ की लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने प्रशासन और सरकार से अपील की है कि ऐसे फर्जी अस्पतालों पर तुरंत कार्रवाई हो और मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वालों को कड़ी सजा दी जाए।
क्या प्रशासन इन डॉक्टरों की लापरवाही पर कार्रवाई करेगा या ऐसे ही और मरीजों की जान जाती रहेगी?