भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की रेस खत्म
हेमंत खंडेलवाल होंगे नए अध्यक्ष
सीएम मोहन यादव की पसंद पर लगी मुहर
रंजीता पंवार
अंश फीचर (भोपाल) – मध्यप्रदेश भाजपा संगठन में लंबे समय से चल रही प्रदेशाध्यक्ष की तलाश अब खत्म हो गई है। बैतूल से विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल का नाम इस पद के लिए तय हो गया है। उन्होंने मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में नामांकन दाखिल किया, और उनके अलावा किसी अन्य नेता ने नामांकन नहीं किया। ऐसे में उनका निर्विरोध प्रदेशाध्यक्ष बनना तय है। बुधवार को उनके नाम की औपचारिक घोषणा बाकी है।
नामांकन प्रक्रिया के दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव खंडेलवाल के प्रस्तावक बने। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मंत्री वीरेंद्र खटीक के बगल में बैठे हेमंत खंडेलवाल को इशारा किया। इसके बाद सीएम मोहन यादव उनका हाथ पकड़कर मंच पर लेकर पहुंचे। धर्मेंद्र प्रधान, विवेक शेजवलकर और सरोज पांडे के सामने उन्होंने नामांकन दाखिल कराया। भाजपा कार्यालय के सभागार में चुनाव अधिकारी और चुनाव प्रभारी के साथ ही पर्यवेक्षक सरोज पाण्डे, सीएम डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र कुमार खटीक भी मौजूद हैं।
सीएम मोहन यादव की पहली पसंद

खंडेलवाल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहली पसंद माना जा रहा है। भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय नेतृत्व ने भी उनके नाम पर सहमति दी है। बुधवार को पार्टी उनके चयन की औपचारिक घोषणा करेगी।
संगठन और सत्ता दोनों में अनुभव

हेमंत खंडेलवाल का राजनीतिक करियर संगठन और जनप्रतिनिधित्व दोनों क्षेत्रों में मजबूत रहा है:
2008-09 में पिता स्व. विजय खंडेलवाल (पूर्व सांसद) के निधन के बाद उपचुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे।
2013 से 2018 तक विधायक रहे।
2023 में दोबारा बैतूल से विधायक चुने गए।
वे भाजपा के जिला अध्यक्ष, प्रदेश कोषाध्यक्ष और कुशाभाऊ ठाकरे ट्रस्ट के अध्यक्ष जैसे पदों पर भी काम कर चुके हैं।
क्या है इस फैसले का राजनीतिक संकेत?
भाजपा का यह फैसला बताता है कि पार्टी आने वाले 2028 विधानसभा चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव को लेकर अनुभवी, संगठित और साफ-सुथरी छवि वाले चेहरों को आगे ला रही है। हेमंत खंडेलवाल का संगठनात्मक अनुभव और राजनीतिक संतुलन उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाता है। यह नियुक्ति पार्टी के भीतर संतुलन बनाने की एक बड़ी रणनीति के तौर पर भी देखी जा रही है।








