मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था ने बीते वर्ष जबरदस्त उछाल दर्ज किया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 1503395 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो 2023-24 में 1353809 करोड़ रुपये था। यानी 11.05% की प्रभावशाली वृद्धि हुई है। वहीं, स्थिर भावों पर जीएसडीपी 6.05% बढ़कर 712260 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
विधानसभा में उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य ने 2028-29 तक जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
आर्थिक मजबूती और राजकोषीय संतुलन
प्रदेश की आर्थिक सेहत को दर्शाते हुए सरकार ने दावा किया कि 2024-25 में 1700 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष रहेगा, जबकि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 4.11% तक सीमित रहेगा। राज्य की राजस्व प्राप्तियां 2.63 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो एक मजबूत आर्थिक आधार को दर्शाता है।
प्रति व्यक्ति आय में इजाफा
मध्यप्रदेश में नागरिकों की औसत आय भी बढ़ी है। प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय 1,52,615 रुपये तक पहुंच गई, जबकि स्थिर भावों पर यह 70,434 रुपये रही। यह आर्थिक सुधारों और निवेश बढ़ने का संकेत है।
तीनों क्षेत्रों में संतुलित विकास
प्रदेश के सकल मूल्य वर्धन (GVA) में प्राथमिक क्षेत्र (कृषि, पशुपालन) की हिस्सेदारी 44.36%, द्वितीयक क्षेत्र (उद्योग) की 19.03% और तृतीयक क्षेत्र (सेवा) की 36.61% रही।
- कृषि क्षेत्र में 10.8% की वृद्धि (स्थिर भाव पर 1.6%) दर्ज हुई।
- पशुधन क्षेत्र में 7.45% योगदान और 11.93% की वृद्धि रही।
- औद्योगिक क्षेत्र में 2.73 लाख करोड़ रुपये का जीवीए और दिसंबर 2024 तक 4.17 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए।
‘उद्योग वर्ष 2025’ की घोषणा, निवेश बढ़ाने पर जोर
मध्यप्रदेश सरकार ने 2025 को ‘उद्योग वर्ष’ घोषित किया है। औद्योगिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 145.13 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। खनिज उत्पादन 16.71% बढ़ा और माइनिंग कॉन्क्लेव 2024 में 19,250 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले।
- बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
- स्वास्थ्य बजट 15,744 करोड़ रुपये तक पहुंचा, आयुष्मान भारत योजना में 4.85 करोड़ कार्ड जारी हुए।
- शिक्षा बजट में 11.26% वृद्धि, 274 नए CM Rise स्कूल निर्माणाधीन।
- कौशल विकास मिशन के तहत 3.49 लाख छात्रों को प्रशिक्षण दिया गया।
- स्व-सहायता समूहों और ‘लखपति दीदी’ योजना से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा।
- पर्यावरण और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस
- राज्य का वनावरण क्षेत्र 77,070 वर्ग किमी तक पहुंचा।
- जल संसाधन 35.90 BCM तक बढ़े।
- 10 आईटी पार्क और 4 आईटी SEZ विकसित, 4,895 से अधिक स्टार्टअप कार्यरत।
मुख्यमंत्री का विजन – ‘विकसित मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ‘विकसित भारत’ की तर्ज पर ‘विकसित मध्यप्रदेश’ के संकल्प को दोहराया है। गरीब कल्याण, युवा शक्ति, अन्नदाता और नारी शक्ति के चार मिशन प्रदेश की आर्थिक दिशा तय करेंगे।
मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 स्पष्ट संकेत देता है कि राज्य आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आर्थिक सुधारों, औद्योगिक विस्तार, कृषि मजबूती और डिजिटल इनोवेशन के सहारे प्रदेश आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देगा।