नई दिल्ली: 2026 में होने वाले लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर देश में हलचल तेज हो गई है। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, उत्तर प्रदेश को इस परिसीमन में सबसे बड़ा फायदा होने की संभावना है। ज़ी न्यूज़ के अनुसार, जनसंख्या के आधार पर होने वाले इस परिसीमन में उत्तर प्रदेश को लोकसभा में सबसे अधिक सीटें मिलने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश को सबसे बड़ा लाभ:
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में हुई वृद्धि के कारण उसे लोकसभा में सबसे अधिक सीटें मिलने की संभावना है। जनसंख्या के आधार पर, उत्तर प्रदेश को वर्तमान में 80 लोकसभा सीटें प्राप्त हैं, और परिसीमन के बाद यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
अन्य राज्यों की स्थिति:
उत्तर प्रदेश के अलावा, अन्य राज्यों में भी लोकसभा सीटों की संख्या में बदलाव देखने को मिल सकता है। जनसंख्या के आधार पर, जिन राज्यों की जनसंख्या में वृद्धि हुई है, उन्हें अतिरिक्त सीटें मिल सकती हैं, जबकि जिन राज्यों की जनसंख्या में कमी आई है, उन्हें सीटों का नुकसान हो सकता है।
परिसीमन का आधार:
परिसीमन का मुख्य आधार जनसंख्या है। 2001 की जनगणना के आधार पर लोकसभा सीटों का निर्धारण किया गया था, लेकिन 2026 में होने वाला परिसीमन 2021 की जनगणना के आधार पर होगा। 2021 की जनगणना कोविड-19 महामारी के नहीं हो पाई थी।
राजनीतिक प्रभाव:
2026 का परिसीमन देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव डालेगा। लोकसभा सीटों की संख्या में बदलाव से राज्यों में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को अधिक सीटें मिलने से राष्ट्रीय राजनीति में उनकी भूमिका और मजबूत हो जाएगी।
परिसीमन आयोग:
परिसीमन का कार्य परिसीमन आयोग द्वारा किया जाएगा। आयोग विभिन्न राज्यों में जाकर जनसंख्या के आंकड़ों का विश्लेषण करेगा और उसके आधार पर लोकसभा सीटों का निर्धारण करेगा।
विशेषज्ञों की राय:
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि 2026 का परिसीमन भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। जनसंख्या के आधार पर सीटों का निर्धारण लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और मजबूत करेगा।
निष्कर्ष:
2026 का परिसीमन देश की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उत्तर प्रदेश को मिलने वाले संभावित लाभ से राष्ट्रीय राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है।