3.3 C
London
Thursday, March 13, 2025
Homeटॉप न्यूज़भारत में 98% बिजनेस लीडर्स एआई को तेजी से अपना रहे, लेकिन...

भारत में 98% बिजनेस लीडर्स एआई को तेजी से अपना रहे, लेकिन कुशल प्रतिभाओं की तलाश अब भी चुनौती: लिंक्डइन

Date:

Related stories

विस्तार से जाने मोहन सरकार के बजट में किस सेक्टर के लिए क्या है बजट?

 विकसित मध्यप्रदेश 2047 पर केंद्रित रहा बजट  पिछले साल की...

डोनेट हैप्पीनेस फाउंडेशन ने किया टी-शर्ट वितरण,

मठ्ठागाँव और छिदगांव कांछी में युवा यूनियन और गौ...

मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था ने पकड़ी रफ्तार, जीएसडीपी 11.05% बढ़ा!

मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था ने बीते वर्ष जबरदस्त उछाल दर्ज...

इन्वेस्टर्स समिट में झलका मध्यप्रदेश का भविष्य, लेकिन क्या प्रदेश का युवा तैयार है?

इन्वेस्टर्स समिट में झलका मध्यप्रदेश का भविष्य, लेकिन क्या...
spot_imgspot_imgspot_img

भारत, फरवरी 2025: जेनरेटिव एआई अब सिर्फ चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि यह व्यवसायों के लिए एक अनिवार्यता बन चुका है। पूरे भारत में बिजनेस लीडर्स इसकी संभावनाओं को तेजी से अपना रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े प्रोफेशनल नेटवर्क, लिंक्‍डइन के नए शोध के अनुसार, भारत में 98% बिजनेस लीडर्स का कहना है कि 2025 में उनकी सबसे बड़ी रणनीतिक प्राथमिकता अपने संगठनों में एआई को तेजी से अपनाना होगा। हालांकि, सही कौशल वाली प्रतिभाओं को खोजना अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

भारत में 5 में से 3 रिक्रूटर्स के लिए एआई और इंसानी कौशल का सही संतुलन खोजना चुनौतीपूर्ण: लिंक्डइन के शोध के अनुसार, 54% एचआर पेशेवरों का कहना है कि उन्हें मिलने वाले आधे या उससे भी कम आवेदन ही ज़रूरी योग्यताओं पर खरे उतरते हैं। सही तकनीकी (61%) और व्यावहारिक (57%) कौशल वाले उम्मीदवारों को खोजना उनकी सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है। भारत में सबसे मुश्किल से मिलने वाले कौशलों में शामिल हैं—सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और इंजीनियरिंग (44%) जैसे तकनीकी कौशल, एआई से जुड़ी विशेषज्ञता (34%) और संचार व समस्या-समाधान जैसे व्यावहारिक कौशल (33%)।

2025 में कंपनियां कर रही हैं ‘चुनिंदा भर्ती’: भारत में एचआर पेशेवरों का कहना है कि उन्हें बहुत ज्यादा आवेदन (47%) मिलते हैं, लेकिन उनमें से कई सही फिट नहीं होते (41%), इसलिए वे 2025 में ज़्यादा सोच-समझकर भर्ती कर रहे हैं। आधे से ज्यादा एचआर पेशेवरों का कहना है कि वे केवल उन्हीं उम्मीदवारों से संपर्क करेंगे (55%) और उन्हें नौकरी देंगे (54%) जो कम से कम 80% या उससे ज़्यादा योग्यताएँ पूरी करते हैं।

लिंक्‍डइन इंडिया की प्रमुख रूचि आनंद, इंडिया कंट्री हेड, टैलेंट एवं लर्निंग सॉल्यूशंस, लिंक्‍डइन ने कहा, “एआई ने भर्ती और प्रतिभा विकास के तरीके को बदल दिया है, लेकिन असली बदलाव सिर्फ एआई अपनाने से नहीं, बल्कि इसे व्यवसाय के लिए फायदेमंद बनाने से आएगा। कई बार कंपनियां एआई टूल्स पर निवेश तो कर देती हैं, लेकिन सही प्रतिभा के अभाव में वे इसका पूरा लाभ नहीं उठा पातीं। इस समस्या से बचने के लिए, कंपनियों को कौशल-आधारित भर्ती की ओर बढ़ना चाहिए। एआई इनोवेशन को बढ़ावा देगा, लेकिन रचनात्मकता, संचार और सहयोग जैसे मानवीय कौशल ही कंपनियों को प्रतिस्पर्धा में आगे बनाए रखेंगे।”

लीडर्स अब अपने कर्मचारियों के कौशल विकास पर दे रहे हैं जोर: भारत में 10 में से 8 से ज़्यादा (84%) एचआर पेशेवरों का कहना है कि 2025 में कर्मचारियों को नए कौशल सिखाना उनकी शीर्ष प्राथमिकता होगी। वे विशेष रूप से एआई (84%) और संचार व टीम वर्क (82%) जैसे व्यावहारिक कौशलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

भारत में सर्वे किए गए 100% लर्निंग एंड डेवलपमेंट (L&D) पेशेवरों का भी यही मानना है कि रचनात्मकता, जिज्ञासा और संवाद कौशल अब तकनीकी ज्ञान जितने ही महत्वपूर्ण हो गए हैं। लगभग 48% भारतीय बिजनेस लीडर्स यह भी कहते हैं कि एआई को तेजी से अपनाने के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण और कौशल विकास में निवेश करना बेहद जरूरी होगा।

लिंक्‍डइन के नए एआई-पावर्ड टूल्स से रिक्रूटर्स अपने सबसे अहम कामों पर ज्यादा ध्यान दे सकेंगे: बदलते आर्थिक माहौल में कंपनियों को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करने के लिए, लिंक्डइन नए एआई-पावर्ड टूल्स पेश कर रहा है। इन टूल्स की मदद से रिक्रूटर्स अपने सबसे रणनीतिक और लोगों से जुड़े कामों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

भारत में लगभग हर पांच में से दो (37%) एचआर प्रोफेशनल्स रोज़ाना 1-3 घंटे सिर्फ नौकरी के आवेदनों को छांटने में लगाते हैं, और हर पांच में से तीन (64%) का मानना है कि एआई-पावर्ड टूल्स भर्ती की प्रक्रिया को तेज़ और आसान बना सकते हैं। लिंक्‍डइन का नया हायरिंग असिस्‍टेंट रिक्रूटर्स के सबसे दोहराव वाले और समय लेने वाले कामों को अपने आप पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे वे ज़्यादा ज़रूरी चीज़ों पर ध्यान दे सकें, जैसे—भर्ती करने वाले मैनेजर्स को सलाह देना, उम्मीदवारों से जुड़ना और भर्ती प्रक्रिया को बेहतर बनाना।

भारत में 10 में से 7 (71%) एचआर प्रोफेशनल्स का कहना है कि उन्हें सही सीखने के संसाधन खोजने में परेशानी होती है। लिंक्डइन लर्निंग का नया एआई-पावर्ड कोचिंग फीचर सीखने वालों को टेक्स्ट या वॉइस के ज़रिए इंटरएक्टिव तरीके से असली दुनिया के उदाहरणों के ज़रिए व्यावहारिक कौशल विकसित करने में मदद करता है।

Subscribe

- Never miss a story with notifications

- Gain full access to our premium content

- Browse free from up to 5 devices at once

Latest stories

spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here