उत्तर प्रदेश के जिला बलिया थाना सुखपुरा पोस्ट करमबर का यह मामला है इसकी शुरुआत दिसंबर 2023 से हुई जिसमें में आरोपियों ने वर्षों से इस्तेमाल हो रही पुश्तैनी जमीन पर जबरन दीवार खड़ी कर रास्ता बंद करने का मामला सामने आया है। पीड़ित परिवार सरोज यादव पिता का नाम रविंद्र यादव का कहना है कि यह जमीन उनके पूर्वजों द्वारा दी गई थी और वे बचपन से इसी रास्ते का उपयोग कर रहे थे। अब दीवार खड़ी हो जाने से उनके माता-पिता अपने ही घर में कैद हो गए हैं, मवेशियों को निकालना मुश्किल हो गया है, और इमरजेंसी स्थिति में भी बाहर निकलने में भारी परेशानी हो रही है।
पीड़ित ने बताया कि उनकी बुजुर्ग माँ पहले ही चोटिल हो चुकी हैं, लेकिन रास्ता न होने के कारण उन्हें बाहर निकलने के लिए किसी तरह छलांग लगानी पड़ रही है। बरसात के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो जाएगी। प्रशासन से कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पीड़ित परिवार का कहना है कि वे इस मुद्दे को सार्वजनिक रूप से उठाने को मजबूर हैं, ताकि उनकी आवाज प्रशासन तक पहुंचे और उन्हें न्याय मिल सके। उन्होंने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है ताकि रास्ता बहाल हो सके और उनके माता-पिता की परेशानी दूर हो।
रास्ता विवाद पर प्रशासनिक कार्रवाई की मांग, पीड़ित ने पुलिस रिपोर्ट को बताया भ्रामक
बलिया। जनपद के शेरवांकलां गांव में रास्ता विवाद को लेकर मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीण सरोज यादव ने आरोप लगाया है कि विपक्षीगण नन्दलाल व अलगू पुत्रगण रामचंदर ने उनके घर आने-जाने का रास्ता अवैध रूप से बंद कर दिया है। इस संबंध में पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक बलिया को शिकायत पत्र सौंपा था, जिसकी जांच रिपोर्ट उन्होंने भ्रामक और मिथ्या करार देते हुए प्रशासन से दोबारा कार्रवाई की मांग की है।
सरोज यादव पिता का नाम रविंद्र यादव ने बताया कि वह वर्षों से एक निजी रास्ते का उपयोग कर रहे थे, लेकिन जब वह कुछ समय के लिए गांव से बाहर गए, तो विपक्षीगण नंदलाल यादव अलगू यादव पुत्र रामचंद्र यादव प्रदीप यादव ने दीवार खड़ी कर रास्ता बंद कर दिया। पीड़ित ने कई बार रास्ता खोलने की गुहार लगाई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
पुलिस जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि मामला भूमि विवाद से जुड़ा है और इसे न्यायालय में सुलझाया जाना चाहिए। लेकिन पीड़ित ने प्रशासन से अपील की है कि वह न्यायालय में लंबी प्रक्रिया की बजाय अपने अधिकारों का उपयोग कर रास्ता खुलवाए, ताकि उन्हें आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
पीड़ित ने इस संबंध में जिलाधिकारी बलिया और पुलिस अधीक्षक को भी पत्र प्रेषित किया है और प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।
पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से सरकार और पुलिस से लगाई इंसाफ की गुहार, कहा – आरोपियों पर हो सख्त कार्रवाई
बलिया। शेरवांकलां गांव के पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से सरकार और पुलिस प्रशासन से न्याय की अपील की है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि गांव के दबंगों ने उनके घर से बाहर निकलने का रास्ता जबरन बंद कर दिया है, जिससे उनका जीवन दूभर हो गया है।
परिवार के मुखिया सरोज यादव ने बताया कि वर्षों से जिस रास्ते का उपयोग किया जा रहा था, उसे विपक्षीगण नन्दलाल और अलगू पुत्रगण रामचंदर ने अवैध रूप से दीवार बनाकर रोक दिया। कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे वे न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
पीड़ित परिवार ने कहा कि पुलिस द्वारा दी गई जांच रिपोर्ट भ्रामक और पक्षपातपूर्ण है। प्रशासन ने उन्हें अदालत जाने की सलाह दी है, लेकिन लंबी कानूनी प्रक्रिया के कारण उन्हें तुरंत राहत नहीं मिल सकती। परिवार ने मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से अपील की है कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर रास्ता खुलवाया जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
पीड़ित सरोज यादव पुत्र रविंद्र यादव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया आरोपियों ने हमारे घर के सामने दीवार लगा दी है उसके अंदर माल मवेशी भी बांधे हुए हैं और अपने माल मवेशियों की तरफ जाने के लिए हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि विरोधी पक्ष ने हमारे घर के आगे ही दीवार लगा दी है।