HDFC बैंक का मार्केट कैप ₹76,484 करोड़ बढ़कर ₹14.59 लाख करोड़

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  रंजीता पंवार

मुंबई (अंश फीचर) – मार्केट कैप के हिसाब से देश की टॉप-10 कंपनियों की मार्केट वैल्यू इस हफ्ते के कारोबार के बाद 3.84 लाख करोड़ रुपए बढ़ी है। इस दौरान HDFC बैंक टॉप गेनर रही है। बैंक का मार्केट कैप ₹76,484 करोड़ बढ़कर ₹14.59 लाख करोड़ पहुंच गया है।

टेलीकॉम कंपनी एयरटेल की मार्केट वैल्यू भी 75,211 करोड़ रुपए बढ़कर ₹10.77 लाख करोड़ हो गया है। इसके अलावा, देश की सबसे वैल्युएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की वैल्यू ₹74,766 करोड़, ICICI बैंक की ₹67,597 करोड़ और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की वैल्यू ₹38,420 करोड़ बढ़ी है।

इस हफ्ते टॉप-10 कंपनियों की वैल्यू ₹3.84 लाख करोड़ बढ़ी

मार्केट कैपिटलाइजेशन क्या होता है?

मार्केट कैप किसी भी कंपनी के टोटल आउटस्टैंडिंग शेयरों यानी वे सभी शेयर, जो फिलहाल उसके शेयरहोल्डर्स के पास हैं, की वैल्यू है। इसका कैलकुलेशन कंपनी के जारी शेयरों की टोटल नंबर को स्टॉक की प्राइस से गुणा करके किया जाता है।

मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को कैटेगराइज करने के लिए किया जाता है, ताकि निवेशकों को उनके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार उन्हें चुनने में मदद मिले। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां।

मार्केट कैप = (आउटस्टैंडिंग शेयरों की संख्या) x (शेयरों की कीमत)

मार्केट कैप कैसे काम आता है?

किसी कंपनी के शेयर में मुनाफा मिलेगा या नहीं इसका अनुमान कई फैक्टर्स को देख कर लगाया जाता है। इनमें से एक फैक्टर मार्केट कैप भी होता है। निवेशक मार्केट कैप को देखकर पता लगा सकते हैं कि कंपनी कितनी बड़ी है।

कंपनी का मार्केट कैप जितना ज्यादा होता है, उसे उतनी ही अच्छी कंपनी माना जाता है। डिमांड और सप्लाई के अनुसार स्टॉक की कीमतें बढ़ती और घटती है। इसलिए मार्केट कैप उस कंपनी की पब्लिक पर्सीव्ड वैल्यू होती है।

मार्केट कैप कैसे घटता-बढ़ता है?

मार्केट कैप के फॉर्मूले से साफ है कि कंपनी की जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक की कीमत से गुणा करके इसे निकाला जाता है। यानी अगर शेयर का भाव बढ़ेगा तो मार्केट कैप भी बढ़ेगा और शेयर का भाव घटेगा तो मार्केट कैप भी घटेगा।

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