प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश के विकास से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए। इनमें असम में नया यूरिया प्लांट, महाराष्ट्र में ग्रीनफील्ड हाईवे और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव स्कीम को विस्तार देना शामिल है।
असम में लगेगा नया यूरिया प्लांट
केंद्र सरकार ने असम में ₹10,601.4 करोड़ की लागत से एक नया यूरिया प्लांट लगाने की मंजूरी दी है। इस प्लांट की सालाना उत्पादन क्षमता 12.7 लाख टन होगी। सरकार का मानना है कि इस फैसले से देश में यूरिया उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों को समय पर उर्वरक मिल सकेगा।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए ₹1500 करोड़ की स्वीकृति
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को प्रमोट करने वाली इंसेंटिव स्कीम को भी 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है। इसके लिए केंद्र ने ₹1500 करोड़ का बजट आवंटित किया है।
भीम-यूपीआई के जरिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर छोटे व्यापारियों को 0.15% की प्रोत्साहन दर मिलेगी। वहीं, बड़े व्यापारियों को इस श्रेणी में कोई इंसेंटिव नहीं मिलेगा। इससे छोटे व्यापारियों को डिजिटल लेनदेन अपनाने में प्रोत्साहन मिलेगा।
दूध उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा
दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने दो योजनाओं — संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के लिए बजट बढ़ाकर ₹6,190 करोड़ कर दिया है। इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों की आमदनी में इजाफा होगा।
महाराष्ट्र में नया ग्रीनफील्ड हाईवे
मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र में जेएनपीए बंदरगाह (पगोटे) को चौक से जोड़ने के लिए ₹4,500 करोड़ की लागत से 29.21 किलोमीटर लंबे 6-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण को मंजूरी दी है। यह प्रोजेक्ट बनाओ, चलाओ और हस्तांतरित करो (BOT) मॉडल पर विकसित किया जाएगा।
जेएनपीए बंदरगाह पर बढ़ती माल ढुलाई और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास को ध्यान में रखते हुए यह हाईवे कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। इससे पनवेल, कलंबोली और पलास्पे फाटा जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाम की समस्या कम होगी और माल परिवहन सुगम हो सकेगा।
सरकार के फैसले से विकास को मिलेगी रफ्तार
इन फैसलों से न केवल कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि बुनियादी ढांचे और डिजिटल अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। केंद्र सरकार का मानना है कि इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से देश की आर्थिक प्रगति को नई दिशा मिलेगी।