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पुश्तैनी मकान पर अवैध कब्जा, न्याय के लिए भटक रही पीड़िता, प्रशासन बना मूकदर्शक!

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राहतगढ़, सागर: मध्य प्रदेश के सागर जिले की राहतगढ़ तहसील के ग्राम पैकलोन में रहने वाली शांतिवाई पत्नी गंगाराम धानक इन दिनों अपनी ही पुश्तैनी मकान को बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। शांतिवाई का आरोप है कि कुछ दबंगों ने उनके पैतृक मकान पर अवैध कब्जा कर लिया है, और प्रशासन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।

सीएम विंडो से लेकर तहसील तक शिकायत, फिर भी कोई सुनवाई नहीं!

पीड़िता ने बताया कि वह कई बार तहसील और सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज करा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शांतिवाई और उनके परिजन संतोष धानक ने प्रशासन से कई बार अपील की कि अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते दबंग बेखौफ होकर निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं।

पंचनामा दर्ज, फिर भी कब्जा जारी!

गौरतलब है कि 21 जुलाई 2024 को पंचगणों द्वारा शांतिवाई के मकान को लेकर पंचनामा दर्ज किया गया था। इसमें स्पष्ट रूप से यह कहा गया कि करीब 25 साल पहले शांतिवाई अपने पति गंगाराम धानक के साथ गांव में निवास करती थीं, लेकिन कुछ वर्षों बाद वे भोपाल चली गईं।

पंचायत द्वारा प्रमाणित दस्तावेज भी तैयार किए गए ताकि भविष्य में किसी तरह का विवाद न हो। लेकिन इन दस्तावेजों के बावजूद प्रशासन ने पीड़िता को कोई राहत नहीं दी।

“हमारे पुश्तैनी मकान पर कब्जा कर लिया गया” – संतोष धानक

शांतिवाई के परिजन संतोष धानक ने मीडिया को बताया कि कब्जाधारियों ने उनके मकान को जबरन हड़प लिया और अब वहां तेज़ी से निर्माण कार्य कर रहे हैं। संतोष धानक का कहना है कि तहसीलदार से उन्होंने कई बार निर्माण कार्य रुकवाने की अपील की, लेकिन प्रशासन ने कोई रोक नहीं लगाई।

“हमने तहसील में शिकायत दी थी, लेकिन तहसीलदार ने कोई कदम नहीं उठाया। उल्टा, कब्जाधारी बेखौफ होकर वहां निर्माण करवा रहे हैं। हमें अपनी ही मकान पर रहने नहीं दिया जा रहा। क्या यही है न्याय?” – संतोष धानक

कब्जाधारियों के नाम उजागर, फिर भी प्रशासन मौन!

शिकायतकर्ता के अनुसार, मकान पर गोपाल नामक व्यक्ति ने अवैध कब्जा कर लिया है, जो तहसील बेगमगंज में रहता है।

“हमने प्रशासन को कब्जाधारियों के नाम तक बता दिए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। क्या गरीबों को न्याय मिलना असंभव हो गया है?” – शांतिवाई

क्या होगी आगे की कार्रवाई?

इस पूरे मामले में पंचायत और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।

1. पंचनामा दर्ज होने के बावजूद क्यों नहीं हो रही कार्रवाई?

2. तहसीलदार और राजस्व विभाग अवैध निर्माण को रोकने में क्यों असफल रहे?

3. क्या गरीबों की जमीन पर कब्जा करना अब सामान्य बात हो गई है?

अगर प्रशासन ने समय रहते इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो यह विवाद और गहराता जाएगा। पीड़िता ने सरकार और मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय दिलाएं।

क्या गरीबों को मिलेगा न्याय?

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करता है या फिर पीड़िता को यूं ही भटकना पड़ेगा।

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