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मांधना बस स्टैंड पर श्रीमद्भागवत कथा का भव्य समापन: सप्तम दिवस पर धर्म और भक्ति का अद्भुत संगम

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मोरनी : मांधना गांव के बस स्टैंड पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का समापन सप्तम दिवस पर भव्यता और श्रद्धा के साथ हुआ। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध सरस प्रवक्ता रजनीश महाराज ने अपने प्रेरणादायक प्रवचनों से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक संदेश दिया। महाराज जी ने कहा, सनातन धर्म जीवन को अनुशासन और सहजता प्रदान करता है। धर्म का अनुसरण करने वाले व्यक्ति पर भगवान विशेष कृपा करते हैं, और उनका जीवन सुखमय हो जाता है।

विशाल यज्ञ और भंडारे का आयोजन

सप्तम दिवस पर यज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें मांधना के सैकड़ों निवासियों ने भाग लिया। यज्ञ में डाली गई आहुतियों और वेद मंत्रों ने पूरे क्षेत्र को भक्तिमय कर दिया। इसके पश्चात व्यास पूजन के दौरान रजनीश महाराज का विशेष सम्मान किया गया।

कार्यक्रम के अंत में विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। भंडारे के दौरान स्वयंसेवकों की सेवा और समर्पण ने श्रद्धालुओं को गहरी छाप दी।

मुख्य अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाई शोभा

इस भव्य आयोजन में क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। मुख्य अतिथियों में नवदीप शर्मा (कालका), सुनील शर्मा (चेयरमैन, जिला परिषद), सचिन शर्मा (पिंजौर) और मुकेश शर्मा (शर्मा ब्रदर्स) शामिल थे। इन सभी ने आयोजन की सराहना की और सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।

पत्रकारों का विशेष सम्मान

कथा समापन के अवसर पर रंजना शुक्ला, देव दर्शन शर्मा और जगदीप राणा जैसे प्रतिष्ठित पत्रकारों को चुनरी पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। हालांकि कुछ पत्रकार इसमें सम्मिलित नहीं हो पाए जिनके नाम संतोष अग्निहोत्री, अनिल शर्मा, अतुल गर्ग आदि भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ।

आयोजकों ने कहा कि पत्रकार समाज के प्रहरी होते हैं और उनकी निष्पक्षता समाज को सशक्त बनाती है।

रजनीश महाराज ने कहा, पत्रकारिता धर्म के समान है, जिसमें सत्य और निष्ठा का पालन अत्यंत आवश्यक है। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भी पत्रकारों की मेहनत को सराहा और उन्हें शुभकामनाएं दीं।

भक्ति और आध्यात्मिकता का केंद्र बना मांधना

यह आयोजन पूरे क्षेत्र में भक्ति और आध्यात्मिकता का केंद्र बन गया। मांधना गांव के निवासियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरी निष्ठा और समर्पण दिखाया। सात दिनों तक चले इस आयोजन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने कथा श्रवण कर अपने जीवन को धर्ममय बनाने का संकल्प लिया।

समर्पण और एकता की मिसाल

यह कथा आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक बना, बल्कि गांववासियों के आपसी सहयोग और एकता की भी मिसाल पेश की। श्रद्धालुओं ने ईश्वर से प्रार्थना की कि इस प्रकार के धार्मिक आयोजन क्षेत्र में बार-बार हों और धर्म और संस्कारों का प्रचार-प्रसार होता रहे।

धर्म के प्रति जागरूकता ही हमारे जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है।

ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा स्टेट हेड देव दर्शन शर्मा की रिपोर्ट

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