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प्रेमी के शादी से इनकार करने पर किशोरी ने की आत्महत्या, पीड़ित परिवार ने सरकार से लगाई इंसाफ की गुहार

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गाजीपुर, 11 फरवरी 2025 – जनपद के मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के करमचंदपुर गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां 15 वर्षीय किशोरी शनिचरी बिंद ने प्रेमी द्वारा शादी से इनकार करने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से गांव में शोक की लहर है, वहीं पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहा है।

शनिचरी के पिता ढेला बिंद ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि दोपहर 1 बजे वे खेत में काम करने गए थे। शाम 5 बजे जब घर लौटे तो देखा कि उनकी बेटी की लाश छप्पर से दुपट्टे के सहारे लटकी हुई थी। परिवार ने शव को नीचे उतारा, जिसके बाद ग्रामीण भी मौके पर पहुंच गए।

परिजनों ने बताया कि गांव के ही अंकित राजभर (पुत्र बाबूलाल राजभर) से शनिचरी का प्रेम संबंध था और परिवार भी इस रिश्ते के लिए सहमत था। लेकिन अंकित ने शादी करने से मना कर दिया, जिससे शनिचरी मानसिक रूप से टूट गई और यह कदम उठा लिया। पिता के अनुसार, अंकित शनिचरी से लगातार मोबाइल पर बातचीत करता था।

पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से सरकार और प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि बेटी की मौत के लिए अंकित जिम्मेदार है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से भी न्याय की अपील की है।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

क्या है पूरा मामला

इंसाफ की गुहार: शनिचरी बिंद को मिले न्याय!”

आज हम एक ऐसी घटना के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसने पूरे गाजीपुर जिले को झकझोर कर रख दिया है। एक 15 वर्षीय मासूम बेटी, शनिचरी बिंद, जिसने सपनों की दुनिया में कदम रखा ही था, आज इस दुनिया में नहीं रही। क्यों? क्योंकि जिस व्यक्ति से उसने प्रेम किया, जिसके साथ अपना जीवन बिताने का सपना देखा, उसने ही उसे ठुकरा दिया।

शनिचरी का परिवार उसकी शादी के लिए तैयार था, लेकिन गांव के ही अंकित राजभर ने शादी से इनकार कर दिया। यह इनकार किसी साधारण घटना का हिस्सा नहीं था, यह एक मासूम लड़की की भावनाओं के साथ खिलवाड़ था। उसने अपने प्रेम को पूरी निष्ठा से निभाया, लेकिन जब उसे धोखा मिला, तो उसने टूटकर अपनी जान दे दी।

क्या यह हमारे समाज की सच्चाई नहीं है? जहां बेटियों की भावनाओं को कुचला जाता है, उन्हें मानसिक यातनाएं दी जाती हैं, और जब वे इस अन्याय के खिलाफ बोल नहीं पातीं, तो वे मौत को गले लगाने पर मजबूर हो जाती हैं।

आज शनिचरी के माता-पिता गहरे सदमे में हैं। उनकी आंखों में सिर्फ एक ही सवाल है—”क्या हमें न्याय मिलेगा?”

आज हम मीडिया और सरकार से अपील करते हैं कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाए। शनिचरी की आत्महत्या केवल एक व्यक्तिगत घटना नहीं है, यह उन हजारों बेटियों की पीड़ा का प्रतीक है, जिन्हें प्रेम के नाम पर छलावा मिलता है।

हमारी मांग है:

1. अंकित राजभर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो।

2. शनिचरी के परिवार को न्याय मिले और उन्हें उचित सहायता दी जाए।

3. ऐसे मामलों पर त्वरित न्याय की व्यवस्था हो, ताकि किसी और बेटी को आत्महत्या के लिए मजबूर न होना पड़े।

साथियों, हम चुप नहीं बैठेंगे! अगर आज हम आवाज नहीं उठाएंगे, तो कल किसी और बेटी को इसी अंधेरे से गुजरना पड़ेगा।

न्याय चाहिए! शनिचरी को न्याय दो!

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