Home दुनिया कैंसर की तीसरी स्टेज से लड़कर आत्मनिर्भर बनीं उर्मिला देवी, अब बनेंगी...

कैंसर की तीसरी स्टेज से लड़कर आत्मनिर्भर बनीं उर्मिला देवी, अब बनेंगी प्रेरणा का स्रोत

0

गया (बिहार): कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझना आसान नहीं होता, लेकिन गया जिले की रहने वाली उर्मिला देवी ने इस मुश्किल सफर को न केवल पार किया, बल्कि अपनी सकारात्मक सोच और आत्मनिर्भरता से एक नई राह दिखाई। कैंसर की तीसरी स्टेज से गुजरने के बाद भी उर्मिला ने हार नहीं मानी और आज वह अपनी जिंदगी को सामान्य तरीके से जी रही हैं। उनका यह संघर्ष और जज्बा हर किसी के लिए प्रेरणा है।

तीसरी स्टेज का कैंसर, फिर भी नहीं मानी हार

उर्मिला देवी ने बताया, “जब डॉक्टरों ने मुझे कैंसर की तीसरी स्टेज का पता दिया, तो मेरे लिए यह खबर किसी सदमे से कम नहीं थी। लेकिन मैंने ठान लिया कि मैं इस बीमारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दूंगी। मैंने अपने जीवन को सामान्य रखने की कोशिश की। तनाव से दूर रही और स्वस्थ जीवनशैली अपनाई।”

उनकी सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास का नतीजा यह हुआ कि उनकी स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो गई। डॉक्टर भी उनकी प्रगति को देखकर हैरान रह गए।

आत्मनिर्भरता का संदेश उर्मिला की प्रेरणा’: यूट्यूब चैनल के जरिए आत्मनिर्भरता और हौसले की मिसाल बनेगीं उर्मिला देवी

 

उर्मिला न केवल अपने लिए खड़ी हुईं, बल्कि अब वह अपने अनुभवों के माध्यम से दूसरों को भी आत्मनिर्भर बनने और बीमारी से लड़ने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं। उनका मानना है कि अगर इंसान मानसिक रूप से मजबूत हो और जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया रखे, तो बड़ी से बड़ी बीमारी को हराया जा सकता है।

यूट्यूब चैनल के जरिए पहुंचाएंगी प्रेरणा
@urmilakumari7716

उर्मिला देवी अब अपने अनुभवों को वीडियो के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का सपना देख रही हैं। वह एक यूट्यूब चैनल शुरू करना चाहती हैं, जहां वह कैंसर के मरीजों और उनके परिवारों को बताएंगी कि कैसे एक स्वस्थ और सामान्य जीवन जीया जा सकता है।

उनका कहना है, “मैं वीडियो के जरिए लोगों को सिखाना चाहती हूं कि बीमारी का सामना कैसे किया जाए। मुझे उम्मीद है कि मेरा चैनल न केवल मरीजों को प्रेरित करेगा, बल्कि इसे मोनेटाइज़ करके मैं अपने इलाज का खर्च भी निकाल सकूंगी।”

लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत

उर्मिला का कहना है, “अगर मैं कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से लड़ सकती हूं, तो हर कोई अपनी जिंदगी की मुश्किलों से लड़ सकता है। जरूरत सिर्फ आत्मनिर्भरता और सही सोच की है।”

उनके इस सफर ने ना केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गया जिले के लोगों को प्रेरित किया है। उर्मिला की कहानी हर उस इंसान के लिए एक संदेश है, जो बीमारी या किसी भी जीवन संघर्ष से जूझ रहा है।

समाज से अपील

उर्मिला देवी समाज से अपील करती हैं कि लोग उनकी इस पहल को समर्थन दें, ताकि वह अपने अनुभव और सकारात्मकता को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सकें। उनका कहना है कि अगर एक भी मरीज उनकी बातों से प्रेरित होकर अपने जीवन को बदलने की कोशिश करता है, तो उनका प्रयास सफल होगा।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version