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मंत्री संपतिया उइके पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और तथ्यहीन

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मंत्री संपतिया उइके पर लगाए गए आरोप मनगढ़ंत और तथ्यहीन
प्रमुख अभियंता की तथ्यात्मक रिपोर्ट में शिकायत पाई गई निराधार

अंश फीचर (भोपाल) – प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी बालाघाट ने जल जीवन मिशन के संबंध में प्राप्त शिकायत का परीक्षण कर बताया कि शिकायतकर्ता किशोर समरीते द्वारा लगाए गए सभी आरोप तथ्यहीन, मनगढ़ंत और दुर्भावनापूर्ण हैं। शिकायत में कोई भी साक्ष्य संलग्न नहीं किए गए थे, बल्कि सूचना के अधिकार के तहत विभागीय अधिकारी द्वारा पूर्व में भेजे गए पत्र को ही आधार बनाया गया।
प्रमुख अभियंता ने स्पष्ट किया कि बालाघाट खंड के कार्यपालन यंत्री द्वारा स्वयं शिकायतकर्ता को यह जानकारी दी गई थी कि जल जीवन मिशन अंतर्गत किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है। इसके बावजूद उन्हीं जानकारियों को तोड़-मरोड़कर सार्वजनिक शिकायत के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसमें कोई नया तथ्य या प्रमाण नहीं है।
प्रमुख अभियंता कार्यालय ने स्पष्ट किया कि जल जीवन मिशन की योजनाओं का क्रियान्वयन फील्ड स्तर पर किया जाता है तथा भुगतान भी स्थानीय खंड कार्यालय द्वारा माप पुस्तिका के सत्यापन के उपरांत होता है। ऐसे में प्रमुख अभियंता या उनके कार्यालय के कर्मचारी पर आरोप लगाना निरर्थक है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री संपतिया उइके पर भी जो आरोप लगाए गए हैं वे पूर्णतः असंगत हैं। मुख्य अभियंता (मैकेनिकल संकाय) द्वारा कोई निविदा जारी नहीं की जाती, अतः उन पर लगाए गए किसी भी प्रकार के आरोप तथ्यों से परे हैं।
प्रमुख अभियंता ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि जल जीवन मिशन अंतर्गत अब तक मध्यप्रदेश के 70 प्रतिशत से अधिक परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया जा चुका है और शेष कार्य प्रगति पर हैं। योजनाओं की पूर्णता के उपरांत ही भारत सरकार को उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे जाते हैं, जिसकी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियंत्रित है।
सभी तथ्यों के परीक्षण और विभागीय प्रक्रियाओं के अवलोकन के बाद यह स्पष्ट रूप से प्रमाणित हुआ है कि शिकायत मनगढ़ंत, तथ्यहीन और दुर्भावनापूर्ण मंशा से प्रेरित है।

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