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चकबंदी विवाद: बीएसएफ एएसआई के बेटों पर जानलेवा हमला, पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री और पुलिस से लगाई न्याय की गुहार!

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आज हम बात करेंगे एक जमीनी विवाद से संबंधित घटना की जिसमें देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले फौजी के बेटों पर दबंगों ने किया जानलेवा हमला!

गांव पुरबालियान में चकबंदी विवाद के दौरान बीएसएफ एएसआई के बेटों पर हमला, रिपोर्ट दर्ज न होने का आरोप

जनपद मुजफ्फरनगर के थाना मंसूरपुर क्षेत्र के गांव पुरबालियान में चकबंदी के विवाद को लेकर बीएसएफ में एएसआई के पद पर कार्यरत व्यक्ति के बेटों पर गंभीर हमला होने का मामला सामने आया है।

पीड़ित पिता ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि वह वर्तमान में गुजरात में तैनात हैं और छुट्टी पर अपने गांव आए हुए हैं। 5 दिसंबर 2024 को सीओ चकबंदी के आदेश पर अपने खेत पर कब्जा दिलाने के लिए आदेश दिए थे। उसी दौरान गांव के कय्यूम, सम्मून, इरशाद, साजिद (पुत्र अय्यूब), इमरान (पुत्र यामीन) और संजीदा (पत्नी कय्यूम) ने उनके बेटों आलिम और तालिब पर हमला कर दिया।

पीड़ित के अनुसार, सम्मून और साजिद लोहे की सरिये से लैस थे, जबकि अन्य आरोपियों के पास लाठियां थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि गाली-गलौज और धमकी देते हुए आरोपियों ने आलिम पर लोहे की सरिये से वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। तालिब ने अपने भाई को बचाने का प्रयास किया तो उस पर भी लाठियों से हमला किया गया।

घटना के दौरान शोर सुनकर पीड़ित की पत्नी तैय्याबा और बेटी अमरीन ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन आरोपियों ने उनके घर पर पथराव कर दिया। सूचना मिलने पर पीड़ित ने 112 पर कॉल कर पुलिस को बुलाया। घायल आलिम को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तालिब का मेडिकल नहीं कराया गया।

पीड़ित ने थाने में शिकायत दी, लेकिन आरोप है कि पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उन्होंने बताया कि आरोपी अब भी धमकी दे रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने, दूसरे बेटे तालिब का मेडिकल कराने और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

पीड़ित फौजी व उनके परिवार ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार

मुजफ्फरनगर: जिले के ग्राम पुरबालियान निवासी बीएसएफ में तैनात एएसआई दलशेर अली ने अपने परिवार के साथ मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री से न्याय की मांग की है। दलशेर अली ने बताया कि वह वर्तमान में गुजरात में भारत-पाक सीमा पर तैनात हैं और छुट्टी लेकर अपने गांव आए थे।

गांव में चकबंदी प्रक्रिया के तहत उनकी खेती की जमीन का आवंटन हुआ था, लेकिन गांव के दबंगों ने जमीन पर कब्जा जमाने के प्रयास में उनके परिवार पर हमला कर दिया। यह घटना 5 दिसंबर 2024 की शाम करीब 5:15 बजे हुई।

घटना का विवरण:
दलशेर अली के पुत्र आलिम और तालिब अपने खेत में काम कर रहे थे, तभी गांव के ही कय्यूम, सम्मून, इरशाद, साजिद, इमरान और संजीदा ने लाठी-डंडों और सरियों से लैस होकर हमला कर दिया। दबंगों ने उनके पुत्र आलिम को बुरी तरह से पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। तालिब ने आलिम को बचाने का प्रयास किया तो उसे भी लाठी से मारा गया। शोर सुनकर दलशेर अली की पत्नी तैय्यबा और बेटी अमरीन मौके पर पहुंचीं, लेकिन हमलावरों ने घर पर पथराव शुरू कर दिया।

पुलिस पर आरोप:
पीड़ित ने बताया कि घटना के बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी और घायल बेटे आलिम को मेडिकल के लिए ले जाया गया, लेकिन दूसरे बेटे तालिब का मेडिकल नहीं कराया गया। थाने में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

फौजी ने की जान-माल की सुरक्षा की मांग:
दलशेर अली का कहना है कि दबंग अब भी उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री से अपील की है कि उनकी जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

मांग:

1. पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

2. दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो।

3. जमीन का कब्जा मुक्त कराकर परिवार को सौंपा जाए।

न्याय की गुहार:
दलशेर अली ने कहा कि सीमा पर तैनात रहते हुए वह देश की सेवा में तनाव मुक्त रहना चाहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री और पुलिस प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है।

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