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14 अफसरों, शिक्षकों को मिलेगा CM एक्सीलेंस अवॉर्ड

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  रंजीता पंवार

 

 

 

भोपाल (अंश फीचर) – मध्यप्रदेश सरकार की ओर से 14 अफसरों, शिक्षकों और कर्मचारियों को मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार मिलेगा। साल 2022-23 के लिए सीएम एक्सीलेंस अवॉर्ड मिलेगा। मप्र सरकार की ओर से एक-एक लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे।

सामान्य प्रशासन विभाग ने नवाचार श्रेणी के लिए मुख्यमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार 2022-23 चयनित शासकीय अधिकारियों की सूची जारी की है। सूची में 6 क्षेत्रों के लिए 14 शासकीय अधिकारियों के नाम शामिल हैं। सभी चयनित शासकीय सेवकों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 1-1 लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया जाएगा। अधिकारियों को यह पुरस्कार अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए नवाचार के लिए दिया जा रहा है। सम्मान समारोह का आयोजन नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल में किया जाएगा।

इन 6 क्षेत्रों में किए गए नवाचार के लिए दिया जा रहा पुरस्कार

शिक्षा एवं मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य एवं पोषण, सामाजिक समावेश एवं सशक्तिकरण, अधोसंरचना, नागरिक सेवा प्रदाय-सूचना प्रौद्योगिकी एवं सुशासन, रोजगार एवं आर्थिक विकास क्षेत्रों में नवाचार के लिये पुरस्कार प्रदान किये जा रहे हैं।

इस इनोवेशन के लिए मिलेगा पुरस्कार

पब्लिक की मदद लेकर 1650 सरकारी स्कूलों को बनाया स्मार्ट

ऋषभ गुप्ता – देवास कलेक्टर कलेक्टर रहते हुए ऋषभ गुप्ता ने जिले के 1650 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में जन सहयोग से स्मार्ट टीवी लगवाए। स्मार्ट क्लास के लिए एक करिकुलम बनाया। जिसमें हर क्लास, चैप्टर और हर विषय के लिए टीचर्स को ट्रेनिंग दी। उसके बाद जन सहयोग से हर स्मार्ट क्लास रूम में तिरपाल बिछाई ताकि बारिश में क्लास खराब न हो। चोरी से बचाने के लिए क्लास के दरवाजे पर ग्राम पंचायत से दो ताले लगवाए।

बिना सरकारी मदद के स्कूलों में लगवाए 5 करोड़ के स्मार्ट टीवी 

सीहोर के तत्कालीन कलेक्टर प्रवीण सिंह सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लास में बच्चों को पढ़ाते हुए।
प्रवीण सिंह अढ़ायच- सीहोर कलेक्टर रहते हुए जिले के1552 स्कूलों में बिना सरकारी मदद के स्मार्ट टीवी लगवाई। करीब साढे़ 5 करोड़ रुपए की लागत की स्मार्ट टीवी लगवाने में सरकार की तरफ से एक रुपए की मदद लिए बिना जनसहयोग से लगवाई। सीहोर जिले में मुख्यमंत्री अध्ययन केन्द्र स्थापित करके 10वीं 12वीं छात्रों की क्लास शुरू की। छात्रों को A-B-C-D चार कैटेगरी में बांटा। C और D कैटेगरी के कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया। इस प्रयास से सीहोर जिले के 10वीं, 12वीं के रिजल्ट में 10 फीसदी का सुधार हुआ था।

बिजली के सिस्टम को ऑनलाइन कर सबकी तय की जिम्मेदारी 

गणेश शंकर मिश्रा- विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक गणेश शंकर मिश्रा ने कर्मचारियों को केन्द्रीयकृत एवं रियर टाइम निगरानी के लिए विद्युत वितरण कंपनी में तकनीक का उपयोग सुनिश्चित कराया। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के काम से लेकर लाइन मैनेजमेंट में तकनीक के जरिए जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए इंटीग्रेटेड पोर्टल बनाया गया। सभी लोग अपने स्थान पर उपलब्ध हों, इसके लिए फेशियल रिकग्निशन से अटेंडेंस की व्यवस्था लागू की। सबको मोबाइल एप के माध्यम से काम असाइन किया जाता है। कॉल सेंटर में बदलाव किया। भारत सरकार की आरडीएसएस स्कीम में पूरा सिस्टम ऑनलाइन कर ठेकेदार को किसी के पास आने की जरूरत नहीं हैं।
परीक्षा की तैयारी कराने वीडियो तैयार कराए

शीला दाहिमा- प्रेरणादायी वीडियो के जरिए परीक्षा की तैयारी कराई। माध्यमिक शिक्षा मंडल की अतिरिक्त सचिव शीला दाहिमा ने बोर्ड परीक्षाओं में बच्चों के मोटिवेशन वीडियो बनाकर यू-ट्यूब और माध्यमिक शिक्षा मंडल की वेब साइट पर अपलोड भी किया है। इससे छात्रों को परीक्षा की तैयारी करने में काफी मदद मिली। जब चाहें कहीं से भी अपने विषय से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
एक दिन में बांटे एक करोड़ डिजिटल आयुष्मान कार्ड

अदिति गर्ग- आईएएस – आयुष्मान भारत निरामयम मप्र की सीईओ रहते हुए प्रदेश में आयुष्मान कार्ड बनाने में रिकॉर्ड बनाया। स्वास्थ्य एवं पोषण की कैटेगरी में आयुष्मान कार्ड बनाने में किए गए नवाचार को लेकर अवॉर्ड मिलेगा। आयुष्मान की सीईओ रहते हुए आयुष्मान योजना के कार्ड बनाने और योजना के क्रियान्वयन में लगातार दो साल लगातार नंबर वन रैंक पर था। एक करोड़ डिजिटल कार्ड एक दिन में बांटे थे। इस मॉडल को कई राज्यों ने अपनाया था।

वर्क्स मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर से कार्य संचालित

चंद्रमोहन ठाकुर – भवन विकास निगम के प्रबंध संचालक रहे चंद्रमोहन ठाकुर को अधोसंरचना में वर्क्स मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर से कार्य संचालित करने के नवाचार के लिए अवार्ड प्रदान किया जायेगा।

सेंट्रल इनवॉइसिंग और बिलिंग का सॉल्यूशन का विकास

अमित तोमर – मध्‍यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर में प्रबंध संचालक रहते हुए सेंट्रल इनवॉइसिंग और बिलिंग का सॉल्यूशन का विकास।
शिक्षक ने स्कूल में बना दी विज्ञान की दीवार
माधव प्रसाद पटेल- दमोह जिले के बटियागढ़ ब्लॉक की शासकीय नवीन माध्यमिक शाला लिधौरा में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक माधव प्रसाद पटेल ने विज्ञान की शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूल में विज्ञान दीवार बनवाई। जिसमें छात्र अपनी जिज्ञासाएं और सवाल लिखते हैं। शिक्षक द्वारा उन सवालों के जवाब लिख दिए जाते हैं। माधव पटेल अखबार में छात्रों को संज्ञा, सर्वनाम विरोधी शब्द खोजने के लिए कहते हैं। माधव को राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
इन्हें भी मिलेगा अवॉर्ड
इंदिरा दांगी, सहायक प्राध्यापक- हिंदी शिक्षण पद्धति से छात्रों की पढ़ाई के प्रति रुचि जाग्रत करने के लिए।
शारदा डुडवे, माध्यमिक शिक्षक- छात्र-छात्राओं को स्कूली जीवन में आत्मनिर्भर बनाना।
आलोक पौराणिक, प्राथमिक शिक्षक- डिजिटल स्मार्ट क्लास के माध्यम से पढ़ाने का प्रयास।
डॉ. यशपाल सिंह, प्राचार्य- शिक्षा के माध्यम से सर्वांगीण विकास।
संजय जोशी, प्रबंधक अधिभार संरक्षण उपकरण का डिजाइन एवं विकास।
दिव्यांक सिंह, सीईओ, ग्रीन बॉण्ड के पब्लिक इश्यू।

 

 

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